रडार क्या है?(What is Radar?) पूरी जानकारी हिंदी में
प्रस्तावना
रडार (Radar) आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की एक महत्वपूर्ण खोज है, जिसका उपयोग विमानन, सैन्य, मौसम विज्ञान, नौसंचालन और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे क्षेत्र में किया जाता है। यह एक ऐसी तकनीकी है जो रेडियो तरंगों की मदद से वस्तुओं की दूरी, गति, दिशा और स्थिति का पता लगती है। इस लेख में हम रडार के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिसमें इसके सिद्धांत, प्रकार, उपयोग, इतिहास और भविष्य शामिल हैं।
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रडार (Radar) का अर्थ और पुरा नाम
रडार (Radar) का पूरा नाम “Radio Detection and Ranging”है, जिसका अर्थ हिंदी में है “रेडियो पहचान और दूरी मापन”। यह एक ऐसी प्रणाली है जो रेडियो तरंगों का उपयोग करके किसी वस्तु की स्थिति, गति और दिशा का पता लगती है।

रडार का इतिहास
रडार तकनीकी का विकास 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में हुआ। इसके विकास में कई वैज्ञानिकों और देश का योगदान रहा है:
1806: हेनरिक हार्ट्ज ने सिद्ध किया कि रेडियो तरंगे धातु की वस्तुओं से परावर्तित हो सकती है।
1904: जर्मन इंजीनियर क्रिश्चियन हुल्समेयर ने पहला रडार जैसा उपकरण बनाया, जो जहाज का पता लगा सकता था।
1935: ब्रिटिश वैज्ञानिक रॉबर्ट वाटसन-वाट ने आधुनिक रडार प्रणाली विकसित की, जिसका उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध में हवाई हमले से बचाव के लिए किया गया।
1940 के दशक: रडार तकनीकी का तेजी से विकास हुआ और इस सैन्य एवं नागरिक उपयोग में लाया गया।
रडार (Radar) कैसे काम करता है? (रडार का सिद्धांत)
रडार का मूल “सिद्धांत रेडियों तरंगों के परावर्तन” (Reflection) पर आधारित है। यह निम्न चरणों में कार्य करता है:

संकेत उत्सर्जन (Transmission)
रडार सिस्टम एक ट्रांसमीटर के माध्यम से रेडियो तरंगे (माइक्रोवेव या रेडियो फ्रीक्वेंसी) उत्पन्न करता है और एंटीना द्वारा उसे वायुमंडल में प्रसारित करता है।
संकेत परिवर्तन (Reception)
जब तरंगे किसी वस्तु (जैसे विमान, जहाज, वहान) से टकराती है, तो वह परिवर्तित होकर वापस रडार एंटीना की ओर लौटते हैं।
संकेत ग्रहण (Signal Processing)
रडार का रिसीवर परिवर्तित तरंगों को ग्रहण करता है और उन्हें विद्युत संकेतों में बदलता है।
संकेत विश्लेषण
कंप्यूटर सिस्टम इन संकेतों का विश्लेषण करके वस्तु की दूरी, दिशा और गति का आकार का पता लगाता है।
दूरी मापन: रडार तरंगों के जाने और वापस आने में लगने वाले समय के आधार पर दूरी की गणना करता है।
दिशा मापन: एंटीना के कोण से वस्तु की दिशा तय की जाती है।
गति मापन: डॉपलर प्रभाव के आधार पर वस्तु की गति निर्धारित की जाती है।
रडार (Radar) के प्रकार
रडार को उनके उपयोग और कार्य प्रणाली के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

उपयोग के आधार पर
सैन्य रडार: शत्रु के विमानों, मिसाइलों और जहाजों का पता लगाने के लिए।
मौसम रडार: बारिश, तूफान और अन्य मौसमी घटनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए।
नागरिक रडार: हवाई अड्डों पर विमान की आवाजाही को ट्रैक करने के लिए।
समुद्री रडार: जहाजों और नौकाओं की नेविगेशन में सहायता के लिए।
कार्य प्रणाली के आधार पर
प्राइमरी रडार (Primary Radar): सीधे रेडियो तरंगे भेज कर वस्तु का पता लगता है।
सेकेंडरी रडार (Secondary Radar): वस्तु पर लगे ट्रांसपोडर से सिग्नल प्राप्त करता है (जैसे विमान में)।
डॉप्लर रडार (Doppler Radar): गति मापने के लिए डॉप्लर प्रभाव का उपयोग किया जाता है।
सिंधेटिक एपचर रडार (SAR): उच्च रेजोल्यूशन छबियां बनाने के लिए उपयोग किया जाने वाला किया जाता है (जैसे उपग्रहों में)।
रडार (Radar) के अनुप्रयोग (उपयोग)
रडार का उपयोग विभिन्न क्षेत्र में किया जाता है:

सैन्य क्षेत्र में
- शत्रु के विमानों, मिसाइलों और जहाज का पता लगाना।
- मिसाइल निर्देशक प्रणालियों में उपयोग।
- सीमा सुरक्षा और निगरानी में सहायक।
विमानन में
- हवाई अड्डों पर विमानो की आवाजाही को नियंत्रित करता।
- विमानों को सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ में मदद करता है।
मौसम विभाग में
- बारिश, तूफान और बर्फबारी की भविष्यवाणी करता।
- चक्रवात और टॉरनेडो की निगरानी।
समुद्री नेविगेशन में
- जहाज और पनडु्बियों का पता लगाना।
- समुद्री डाकू और अवैध गतिविधियों के निगरानी।
अंतरिक्ष अनुसंधानों में
- उपग्रहों और आंतरिक यान को ट्रैक करना।
- ग्रहों और उल्का पिंडों का अध्ययन करना।
नागरिक उपयोग
ट्रैफिक नियंत्रण और स्पीड गन (गति विमान में)।
स्वायत्त वाहनों (Self-Driving Cars) में ऑब्जेक्ट डिटेक्शन के लिए।
रडार (Radar) के फायदे और सीमाएं
फायदे
- यह दिन-रात और किसी भी मौसम में काम कर सकता है।
- लंबी दूरी तक वस्तुओं का पता लगाया जा सकता है।
- तेज गति से चलने वाली वस्तुओं को ट्रैक करने में सक्षम हैं।
सीमाएं
- धातु की वस्तुओं का ही बेहतर पता लगा पता है, प्लास्टिक या लकड़ी जैसी वस्तुओं का नहीं।
- कभी-कभी गलत संकेत (False Echo) दे सकता है।
- उच्च शक्ति वाले रडार महंगे और जटिल होते हैं।
रडार तकनीकी की का भविष्य
रडार तकनीकी में निरंतर सुधार हो रहा है। भविष्य में इसके निम्न विकास संभावित हैं:

- AI और मशीन लर्निंग का उपयोग: संकेतों का अधिक सटीक विश्लेषण करने के लिए।
- मिनीएचराइज्ड रडार: छोटे ड्रोन और मोबाइल उपकरणों में उपयोग।
- कस्टम रडार: हैकिंग और जैमिंग से सुरक्षित प्रणाली।
निष्कर्ष
रडार आधुनिक तकनीकी का एक अहम हिस्सा है, जिसने सैन्य, विमानन, मौसम विज्ञान और नेविगेशन जैसे क्षेत्रों में क्रांति लाती है। यह न केवल सुरक्षा प्रदान करता है बल्कि दैनिक जीवन को भी सुगन बनता है। भविष्य में इसके और भी उत्पन्न रूप देखने को मिलेंगे, जो मानव जीवन को और अधिक सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाएंगे।