प्राकृतिक गैस (Natural Gas) – स्मार्ट एनर्जी चाइन
प्रस्तावना
आज के दौर में ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ा रही है, और ऐसे में पर्यावरण के अनुकूल एवं किफायती ऊर्जा स्रोतों की तलाश जारी है। प्राकृतिक गैस (Natural Gas) एक ऐसा ही स्मार्ट एनर्जी विकल्प है जो न केवल ऊर्जा की जरूरत को पूरा करता है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जीवाश्म ईंधनों में सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है और इसका उपयोग घरेलू, प्रौद्योगिकी एवं परिवहन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
इस ब्लॉक में हम प्राकृतिक गैस के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें इसके गुण, उपयोग, लाभ, भारत में इसकी उपलब्धता, भविष्य की संभावनाएं और पर्यावरण पर प्रभाव शामिल होंगे।
Table of Contents
प्राकृतिक गैस क्या है?
प्राकृतिक गैस एक जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) है जो पृथ्वी के सतह के नीचे गहराई में पाई जाती है। यह मुख्य रूप से मेथेन (CH4) से बनी होती है, साथ ही इसमें थोड़ी मात्रा में एथेन, प्रोपने, ब्यूटेन और हाइड्रोकार्बन गैसे भी शामिल होती हैं। यह गैस रंगहीन, गंधहीन और अत्यधिक ज्वलनशील होती हैं, इसलिए इसमें एक विशेष गंध मिलाई जाती है ताकि लीक होने पर इसका पता लगाया जा सके।

प्राकृतिक गैस के प्रकार
कन्वेंशनल नेचुरल गैस (Conversational Natural Gas): यह भूमिका चट्टानों के रंध्रों में स्वतंत्र रूप से पाई जाती है और आसानी से निकल जाती हैं।
अनकंवेंशनल नेचुरल गैस (Unconventional Natural Gas): इसमें शेल गैस, कोलबेड मीथेन और टाइट गैस शामिल हैं, जिन्हें निकालने के लिए विशेष तकनीकी की आवश्यकता होती है।
एलएनजी (LNG- Liquefied Natural Gas): इसे -162 डिग्री सेल्सियस पर ठंडा कर तरल बनाया जाता है, जिससे इसे आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सके।
सीएनजी (CNG – Compressed Natural Gas): इसे उच्च दबाव पर संपीड़ित कर बहनों में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
प्राकृतिक गैस के उपयोग
प्राकृतिक गैस का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है:

घरेलू उपयोग (PNG – Piped Natural Gas)
- खाना पकाने के लिए
- पानी गर्म करने एवं हीटिंग सिस्टम में
- जनरेटर चलाने में
उद्योगिक उपयोग
- बिजली उत्पादन (थर्मल पावर प्लांट)
- उर्वरक, पेट्रोकेमिकल और प्लास्टिक उद्योग में कच्चे माल के रूप में
- स्टील, सीमेंट और कांच उद्योग में ऊर्जा स्रोत के रूप में
परिवहन क्षेत्र
- सार्वजनिक परिवहन ( बसे, ऑटो रिक्शा)
- निजी वाहनों में ईंधन के रूप में
- भारी वाहनों (ट्रक, ट्रेन) LNG में का उपयोग
अन्य उपयोग
- हाइड्रोजन उत्पादन में
- मेडिकल और फार्मास्युकिल्स उद्योग में
प्राकृतिक गैस के लाभ

- पर्यावरण के अनुकूल
- कोयला पेट्रोल की तुलना में 50% कम कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन करती है।
- सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) का उत्सर्जन नगण्य होता है।
- वायु प्रदूषण को कम करने में सहायक।
- किफायती और कुशल
- पेट्रोल डीजल की तुलना में सस्ती।
- उच्च ऊर्जा दक्षता प्रदान करती है।
- सुरक्षित और विश्वसनीय
- CNG और PNG का उपयोग सुरक्षित माना जाता है।
- गैस पाइपलाइन नेटवर्क के जरिए निर्बाध आपूर्ति।
- बहुउद्देशीय उपयोग
- बिजली, ईंधन, उर्वरक और प्रौद्योगिकी उत्पादन में उपयोगी।
भारत में प्राकृतिक गैस का परिचय
भारत में प्राकृतिक गैस की मांग तेजी से बढ़ रही है। सरकार ने “गैस आधारित अर्थव्यवस्था” के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई पहल की है, जैसे:

प्रमुख गैस फील्ड्स
कृष्णा गोदावरी बेसिन: रिलायंस और BP द्वारा संचालित।
मुंबई हाई: ओएनजीसी द्वारा संचालित अपतटीय गैस फील्ड।
असम और त्रिपुरा: पूर्वोत्तर भारत में प्राकृतिक गैस के भंडार।
गैस पाइपलाइन नेटवर्क
भारत में 33000+ किलोमीटर का गैस पाइपलाइन नेटवर्क है, जिसमें से 2025 तक 35000 किलोमीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
सरकारी योजनाएं
PNG (Piped Natural Gas) और CNG का विस्तार: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में।
उज्ज्वला योजना: एलपीजी के साथ-साथ कनेक्शन प्रदान करता है।
सीएनजी वाहनों का प्रोत्साहन: सार्वजनिक परिवाहन में CNG का उपयोग बढ़ाना।
आयात निर्भरता
भारत अपनी गैस जरूरतों का 50% से अधिक आयात करता है, मुख्ता कतर, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से LNG के रूप में।
प्राकृतिक गैस का भविष्य

हाइड्रोजन इकोनामी: प्राकृतिक गैस से “ब्लू हाइड्रोजन” उत्पादन।
बायो एलएनजी: जैविक कचरे से गैस उत्पादन।
ग्रीन गैस: कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी (CCS) का उपयोग।
निष्कर्ष
प्राकृतिक गैस एक स्मार्ट, स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है जो भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत सरकार और निजी क्षेत्र को मिलाकर गैस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहिए ताकि देश ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण दोनों लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।
“प्राकृतिक गैस – स्वच्छ ऊर्जा सुरक्षित भविष्य!