What is Government?| Legislature | Executive | Judiciary (सरकार क्या है? विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका पर विस्तृत जानकारी)

What is Government?| Legislature | Executive | Judiciary (सरकार क्या है? विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका पर विस्तृत जानकारी)

यह लेख भारत को लोकतांत्रिक व्यवस्था के तीन प्रमुख स्तंभों – सरकार, विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना कार्य प्रणाली और परस्पर संबंधों को विस्तार से समझता है। यह लेख विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं और नागरिक जागरूकता के लिए उपयोगी है।

🏛️सरकार (Government) क्या है?

(Government)

सरकार (Government) वह संस्थाएं जो किसी देश या राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को संचालित करती है। यह संविधान के अनुसार नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करती है, कानून बनाती है उनका क्रियान्वयन करती है और न्यास सुनिश्चित करती हैं। 

सरकार (Government) के तीन प्रमुख अंग होते हैं: 

  1. विधायिका (Legislature) कानून बनाने बाली संस्था
  2. कार्यपालिका (Executive)- कानून को लागू करने वाली संस्था 
  3. न्यायपालिका (Judiciary)- कानून की व्याख्या और न्याय देने वाली संस्था 

🏛️विधायका (Legislature)

(Government)

परिभाषा: विधायका वह संस्था हैं जो देश के लिए कानून बनाती है और सरकार की नीतियों पर चर्चा करती है। 

भारत को दो प्रकार की विधायका होती हैं 

केंद्र में: ससंद (लोकसभा और राज्यसभा) 

राज्यों में: विधान सभा और विधान परिषद (कुछ राज्यों में) 

मुख्य कारण:

कानून निर्माण: विधायका नए कानून बनाती है और पुराने कानूनों में संशोधन करती है। 

वित्तीय नियंत्रण: बजट पास करना, कर निर्धारण, सरकारी खर्चों की निगरानी। 

जन प्रतिनिधित्व: विधायिका जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाती है।

लोकसभा और राज्यसभा में अंतर

विशेषता  लोकसभा  राज्यसभा 

सदस्य संख्या अधिकतम 552 अधिकतम 250

कार्यकाल 5 वर्ष  स्थाई सदन (⅓ सदस्य शहर 2 वर्ष में बदलते हैं)

अध्यक्ष  स्पीकर  उपराष्ट्रपति

🏢कार्यपालिका (Executive)

(Government)

परिभाषा: कार्यपालिका वह संस्था है जो विधायिका द्वारा बनाए गए कानून को लागू करती हैं और प्रशासनिक कार्यों को संचालित करती है। 

भारत में कार्यपालिका के दो स्तर हैं: 

केंद्रीय कार्यपालिका: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मंत्रीपरिषद 

राज्य कार्यपालिका: राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य मंत्रीपरिषद 

मुख्य कार्य: 

कानून का क्रियान्वयन: संसद द्वारा पारित कानून को लागू करना। 

नीति निर्माण: देश के आंतरिक और बाह्य नीतियां बनाना। 

प्रशासनिक संचालन: मंत्रालयो और विभागों के माध्यम से शासन चलाना। 

आपातकालीन शक्तियां: राष्ट्रपति को विशेष परिस्थितियों में विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं।

प्रधानमंत्री की भूमिका:

  • मंत्री परिषद का नेतृत्व 
  • नीति निर्धारण में प्रमुख भूमिका 
  • संसद में सरकार का प्रतिनिधित्व 

⚖️न्यायपालिका (Judiciary)

(Government)

परिभाषा: न्यायपालिका वह संस्था है जो कानून की व्याख्या करती है, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करती और विवादों का न्याय पूर्ण समाधान करती है। 

भारत में न्यायपालिका के तीन स्तर हैं: 

  1. सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court)
  2. उच्च न्यायालय (High Court)
  3. निचली अदालतें (District and Subordinate Courts)

मुख्य कार्य:

संवैधानिक व्याख्या: संविधान की व्याख्या करना और उनकी रक्षा करना: 

न्याय प्रदान करना: नागरिकों को न्याय दिलाना।

न्यायका समीक्षा: विधायिका और कार्यपालिका के कार्यों की समीक्षा करना। 

मौलिक अधिकारों की रक्षा: यदि कोई नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन करता है तो न्यायपालिका हास्यक्षेप करती है।

न्यायपालिका की विशेषताएं 

स्वतंत्रता: कार्यपालिका और विधायिका से स्वतंत्र 

निष्पक्षता: बिना किसी पक्षपात के निर्णय देना 

जवाब देही: संविधान के प्रति उत्तरदाई 

⚖️तीन अंगों के बीच संबंध 

(Government)

शक्ति पृथक्करण सिद्धांत (Separation of Powers):

यह सिद्धांत कहता है कि विधायिका, कार्यपालिका न्यायपालिका की शक्ति अलग-अलग होनी चाहिए ताकि कोई अंग अत्यधिक शक्तिशाली ना हो। 

भारत में यह सिद्धांत पूरी तरह लागू नहीं है, बल्कि संविधान संतुलन के रूप में कार्य करता है। 

परस्पर निर्णय संतुलन:

  • विधायिका कार्यपालिका को जवाबदेह बनाती है। 
  • कार्यपालिका विधायिका के कानून को लागू करती हैं।
  • न्यायपालिका दोनों के कार्यों की समीक्षा करती है।

📚निष्कर्ष

भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार (Government) के तीन अंग विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका – एक दूसरे के पूरक हैं। इनका संतुलन और समन्वयन ही लोकतंत्र की मजबूती का आधार है। नागरिकों को इन संस्थाओं की भूमिका और कार्य प्रणाली को समझना आवश्यक है ताकि वह अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रह सके। (Government)………

Leave a Comment