एमएससी Geoinformatics कॉर्स
(M.sc Geoinformatics)
परिचय
आज के डिजिटल युग, में स्थानिक डेटा का महत्व काफी बढ़ गया है। Geoinformatics एक ऐसा क्षेत्र है जो भूगोल(Geography), कंप्यूटर साइंस(Computer science) और सूचना प्रौद्योगिकी(Information technology) को मिलाकर स्थानीय डेटा का विश्लेषण करता है। एमएससी Geoinformatics एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जो छात्रों को जीआईएस(GIS), रीमोट सेंसिंग(remote sensing), जीपीएस(GPS) और स्पेशीलयल डेटा एनालिस्ट(Spatial data analytics)में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
इस आर्टिकल में, हम एमएससी Geoinformatics कोर्स के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें इसका सिलेबस, योग्यता, टॉप कॉलेज, करियर स्कोप और सैलरी शामिल होंगे।
एमएससी जियोइनफॉर्मेटिक्स क्या है?(What is M.Sc Geoinformatics?)
एमएससी जियोइनफॉर्मेटिक्स(M.Sc Geoinformatics) एक दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम है, जिसमें भौगोलिक सूचना प्रणाली(GIS), रिमोट सेंसिंग, सैटलाइट इमेजिंग, और स्थानीय डेटा विश्लेषण (Spatial Data Analytics) की शिक्षा दी जाती है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो टेक्नोलॉजी और भूगोल में रुचि रखते हैं।
इस कोर्स के माध्यम से छात्र मैपिंग, डेटा विजुअलाइमेशन, और जिओस्पेशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विशेषज्ञ बनते हैं। यह कोर्स सरकारी और निजी संगठनों में करियर के कई अवसर प्रदान करता है।
एमएससी जियोइफॉरमैटिक्स के लिए योग्यता
(Eligibility for M.Sc Geoinformatics)
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए छात्रों को निम्नलिखित योग्यताएं पूरी करनी होती हैं:
शैक्षणिक योग्यता
किसी मानवता प्राप्त यूनिवर्सिटी से साइट हिस्ट्री (B.Sc) में स्नातक पूरा करना चाहिए।
BSc in Geography, Geology Environmental, Science, Computer, Science, Physics, Mathematics या Agriculture जैसे विषयों से पास होना चाहिए।
कुछ संस्थान 50% अंकों की न्यूनतम आवश्यकता रखते हैं।
प्रवेश परीक्षा
कुछ यूनिवर्सिटीज JNU, CEER, IIRS Entrance exam या अन्य प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर एडमिशन देती हैं।
कुछ कॉलेज मेरीट लिस्ट(Merit – List) एडमिशन भी देते हैं।
अन्य आवश्यकता
कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी में रुचि होनी चाहिए।
मैपिंग और डाटा एनालिटिक्स में बेसिक ज्ञान फायदेमंद होता है।
एमएएसी जियो इनफॉर्मेटिक्स का सिलेबस (M.Sc Geoinformatics Syllabus)
इस कोर्स का सिलेबस 4 सेमेस्टर (2 वर्ष) में विभाजित होता है प्रमुख विषय निम्नलिखित हैं:

सेमेस्टर – 1
जिओग्राफिक्स इनफॉरमेशन सिस्टम (GIS) का परिचय
रिमोट सेंसिंग की बेसिक्स
कार्टोग्राफी और मैप प्रोजेक्शन
डाटा स्ट्रक्चर और डाटाबेस मैनेजमेंट
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Python/ R)
सेमेस्टर – 2
एडवांस्ड (GIS) और स्पेशल स्पेशियल एनालिसिस
डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग
जीपीएस और नेविगेशन सिस्टम
जिओ डेटाबेस और वेब जीआईएस
सेमेस्टर – 3
3D मॉडलिंग और जिओविजुलाइजेशन
जियोस्टैटिक और स्पेशियल डेटा मॉडलिंग
क्लाइमेट चेंज अरे एनवायरमेंटल मॉनिटरिंग
सेमेस्टर – 4
रिसर्च प्रोजेक्ट / थीसिस
इंटर्नशिप / इंडस्ट्री ट्रेनिंग
एमएससी जियोइफॉरमैटिक्स के लिए टॉप कॉलेज (Top Colleges For M.Sc Geoinformatics in India)
भारत में कई प्रसिद्ध संस्थान एमएससी जियो इनफॉर्मेटिक्स की पढ़ाई करते हैं। कुछ प्रमुख कॉलेज इस प्रकार हैं:
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग(IIRS), देहरादून
सेंटर फॉर स्पेशल डेटा टेक्नोलॉजी(CSDT), पुणे
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी(JNU), नई दिल्ली
अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी बनारस(BHU), वाराणसी
सिंबायोसिस इंस्टिट्यूट ऑफ़ जियोइनफॉर्मेटिक्स, पुणे
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मुंबई
एमएससी जियो इनफॉर्मेटिक्स के बाद करियर स्कोप (Career Scope After M.Sc Geoinformatics)
इस कोर्स के बाद छात्राओं के लिए सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में कई करियर विकल्प होते हैं:
सरकारी नौकरियां (Government jobs)
इसरो (ISRO) – सैटलाइट डेटा एनालिस्ट
भारतीय सर्वेक्षण विभाग (Survey of India) – मैपिंग एक्सपर्ट
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) – जीआईएस स्पेशलिस्ट
भूगर्भ विज्ञान मंत्रालय (ministry of geology)
प्राइवेट सेक्टर जॉब (Private sector jobs)
GIS एनालिस्ट मैपिंग और स्पेशल डेटा विश्लेषण
रिमोट सेंसिंग स्पेशलिस्ट सैटेलाइट इमेज प्रोसेसिंग
अर्बन प्लानर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में काम
एनवायरमेंटल कंसलटेंट क्लाइमेट स्टडीज
रिसर्च और शिक्षक (Research and Teaching)
एचडी करके रिसर्च साइंटिस्ट कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर या लेक्चरर की नौकरी।
एमएससी जियोइनफॉर्मेटिक्स के बाद सैलरी (Salary after M.Sc Geoinformatics)
फ्रेशर्स: ₹3.4 – ₹ 6 लाख प्रतिवर्ष
मिड – लेखक प्रोफेशनल्स: ₹ 6 – ₹12 लाख प्रतिवर्ष
एक्सपीरियंस एक्सपर्ट (ISRO / NASA): ₹ 15 लाख+ प्रतिवर्ष।
Geoinformatics कोर्स का महत्व
Geoinformatics का महत्व तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि यह:
पर्यावरण समस्याओं को हल करने में मदद करता है।
शहरी विकास और योजना में उपयोग होता है। प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में सहायक होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
एमएससी जियोइनफॉर्मेटिक्स एक उभरता हुआ कोर्स है जो टेक्नोलॉजी और भूगोल के क्षेत्र में बेहतरीन करियर ऑप्शन प्रदान करता है। अगर आप मैपिंग डेटा एनालिटिक्स और सेटेलाइट टेक्नोलॉजी में रुचि रखते हैं, तो यह कोर्स आपके लिए बेस्ट है।
इस कोर्स के बाद आप इसरो, सर्वे आफ इंडिया कंपनी, GIS और रिसर्च संस्थानों में अच्छी नौकरी पा सकते हैं। अगर आप साइंस और टेक्नोलॉजी में कैरियर बनाना चाहते हैं, तो एमएससी जियोइनफॉर्मेटिक्स एक बेहतरीन विकल्प है।