एनेस्थीसिया क्या है? (What is Anesthesia) – पूरी जानकारी हिंदी में
प्रस्तावना
एनेस्थीसिया (Anesthesia) चिकित्सा विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है जो सर्जरी या दर्दनाक प्रक्रियाओं के दौरान रोगी को दर्द से मुक्त करने में मदद करती है। यह एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया जिसमें दवाओं का प्रयोग करके रोगी को अस्थाई रूप से बेहोश किया जाता है या शरीर के विशेष हिस्से को सुन्न किया जाता है। इसके बिना आज के समय में बड़ी सी बड़ी सर्जरी करना संभव नहीं है।
इस ब्लॉक में नस्किया का प्रकार, उसके उपयोग, जोखिम, प्रक्रिया और इससे जुड़े महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
Table of Contents
एनेस्थीसिया क्या है? (What is Anesthesia)
एनेस्थीसिया एक मेडिकल ट्रीटमेंट है जिसमें विशेष दवाओं का प्रयोग करके रोगी को दर्द का अनुभव नहीं होने दिया जाता। इसका उपयोग सर्जरी, मेडिकल टेंट या किसी दर्दनाक उपचार के दौरान किया जाता है। एनेस्थीसिया देने के बाद रोगी को कुछ समय के लिए होश नहीं रहता या फिर शरीर का वह हिस्सा सुन्न हो जाता है जहां ऑपरेशन किया जाता है।

अनिश्तिया का मुख्य उद्देश्य:
- दर्द को रोकना।
- मांसपेशियों को शिथिक (Relax) करना।
- रोगों को बेहोशी की स्थिति में जाना ताकि वह सर्जरी के दौरान किसी तनाव या दर्द को महसूस ना करें।
एनेस्थीसिया के प्रकार (Types of Anesthesia)
एनेस्थीसिया मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है:
- सामान्य एनेस्थीसिया (General Anesthesia)
इसमें रोगी को पूरी तरह से बेहोश किया जाता है। यह बड़ी सर्जरी जैसे हृदय, मस्तिष्क के या पेट की ऑपरेशन में प्रयोग किया जाता है।

कैसे दिया जाता है?
इंजेक्शन या सांस के माध्यम से।
रोगी को सोने की व्यवस्था में ले जाया जाता है।
सर्जरी के बाद दवा बंद कर दी जाती है और रोगी धीरे-धीरे होश में आ जाता है।
साइड इफेक्ट
उल्टी या मतली आना।
गले में खराश।
स्थानीय एनेस्थीसिया (Local Anesthesia)
इसमें शरीर के केवल वह छोटे हिस्से को सुन्न लिया जाता है। जैसे – दांत निकलना, टांके लगना या छोटे ऑपरेशंस में।

कैसे दिया जाता है?
इंजेक्शन या क्रीम / जेल के रूप में।
रोगी पूरी तरह होश में रहता है, लेकिन दर्द महसूस नहीं होता।
साइड इफेक्ट
इंजेक्शन वाली जगह पर हल्की सूजन या दर्द।
एलर्जी की संभावना।
क्षेत्रीय एनेस्थीसिया (Regional Anesthesia)
इसमें शरीर के एक बड़े हिस्से को सुन्न किया जाता है, जैसे निचले हिस्से या हाथ पैर के दौरान भी इसका उपयोग होता है।

कैसे दिया जाता है?
स्पाइडर या स्पाइडर इंजेक्शन द्वारा।
रोगी होश में रहता है लेकिन दर्द नहीं होता।
साइड इफेक्ट
सर दर्द।
ब्लड प्रेशर कम होना।
एनेस्थीसिया देने से पहले की तैयारी (Pre – Anesthesia Preparation)
एनेस्थीसिया देने से पहले डॉक्टर कुछ जरूरी जांचें और सावधानी बरतते हैं:

मेडिकल हिस्ट्री चेक करना:
दिल की बीमारी, डायबिटीज, एलर्जी आदि की जानकारी ली जाती है।
ब्लड टेस्ट और ECG:
शरीर की स्थिति जाने के लिए।
खाली पेट रहना:
सर्जरी से 6 – 8 घंटे पहले कुछ ना खाने की सलाह दी जाती है ताकि उल्टी ना हो।
एनेस्थीसिया के जोखिम (Risks of Anesthesia)
हालांकि एनेस्थीसिया सुरक्षित है, लेकिन कुछ मामलों में जोख़िम भी हो सकते हैं:

- एलर्जिक रिएक्शन (दवा से प्रतिक्रिया)
- सांस लेने में दिक्कत (विशेषकर अस्थमा के मरीजों में)
- दिल की धड़कन अनियमित होना।
- नसों या मांसपेशियों को नुकसान (बहुत कम मामलों में)।
एनेस्थीसिया के बाद की देखभाल (Post- Anesthesia Care)
सर्जरी के बाद रोगी को रिकवरी रूम में रखा जाता है जहां निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है:

- सांस और हृदय गति की निगरानी।
- दर्द निवारक दवाई देना।
- धीरे-धीरे खाने पीने की शुरुआत करना।
- चक्कर आने पर लेटे रहने की सलाह।
निष्कर्ष (Conclusion)
एनेस्थीसिया आधुनिक चिकित्सा का एक अहम हिस्सा है जिसके बिना सर्जरी संभव नहीं। हालांकि इसमें कुछ जोख़िम हो सकते हैं, लेकिन यह एक अनुभव एनेस्थेटिस्ट को देखने के लिए या पूरी तरह सुरक्षित होता है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी की आवश्यकता है, तो डॉक्टर से एनेस्थीसिया के बारे में पूरी जानकारी लें और किसी भी डर का या भ्रम से दूर रहे।