जीएसटी (GST) क्या है?
GST विभिन्न करो को हटा कर एक कर का समायोजन है …..
जीएसटी का पूरा नाम “माल और सेवा कर”(Goods and service Tax) हैं। यह एक अप्रत्यक्ष कर है, जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। इसे 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। जीएसटी में कई प्रकार के करों (जैसे वैट, सेवा कर, उत्पाद शुल्क आदि) को खत्म करके “एक राष्ट्र एक कर” भारतीय अवधारणा को साकार किया।
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जीएसटी की विशेषताएं:
1. एकीकृत कर प्रणाली
जीएसटी केंद्र और राज्य स्तर पर लगाने वाले सभी प्रत्यक्ष करों को एक ही कर प्रणाली में समाहित करना है।
2.गंतव्य आधारित कर
जीएसटी उस स्थान पर लगाया जाता है, जहां वस्तु या सेवा की खपत होती है, न की जहां इसका उत्पादन होता है।
3. चार प्रकार के जीएसटी
- सीएसटी(CGST): केंद्र सरकार द्वारा लिया जाने वाला कर
- एसजीएसटी(SGST): राज्य सरकार द्वारा लिया जाने वाला कर
- आईजीएसटी(IGST): राज्यों के बीच वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर केंद्र द्वारा लगाया गया कर।
- यूटीजीएसटी(UTGST): केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होने वाला कर।

4. इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC)
व्यापारी अपनी द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं पर दिए गए टैक्स का क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं।
5. ऑनलाइन टैक्स प्रणाली
जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन, रिटर्न, फाइलिंग और भुगतान की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है।
6. थ्रेशोल्ड सीमा
छोटे व्यापारी को राहत देने के लिए जीएसटी के तहत एक निश्चित सीमा तय की गई है, जिसके नीचे जीएसटी लागू नहीं होता।
जीएसटी के लाभ
1. सरल और पारदर्शी कर व्यवस्था:
विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को हटाकर जीएसटी में कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया है।
2. कर चोरी में कमी:
डिजिटल प्रकृति आईटीसी प्रक्रिया के कारण कर चोरी को नियंत्रित किया जा सकता है।
3. एक राष्ट्र एक कर की अवधारणा:
पूरे देश में एक समान कर दर लागू होने से व्यापारी और उद्योगों को सुविधा होती है।
4. उत्पादों और सेवाओं की कीमतों में कमी: इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण व्यापारियों को कम लागत आती है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए की कीमतें घट जाती हैं।
5. व्यापार के लिए अनुकूल:
ऑनलाइन प्रक्रिया और सरल कानून छोटे हैं बड़े व्यापारियों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं।
6. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि: आईजीयसटी (IGST) की वजह से राज्यों के बीच व्यापार करना आसान हो गया है।
जीएसटी कैसे काम करता है?
1. रजिस्ट्रेशन:
व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं को जीएसटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। उन्हें एक जीएसटीआईएन (GST identification number) दिया जाता है।
2. इनवॉइस जेनरेशन:
हर लेनदेन के लिए व्यापारी को जीएसटी इनवाइट बनाना होता है, जिससे जीएसटी की दर और टैक्स की राशि स्पष्ट रूप से दर्ज होती है।
3. इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC):व्यापारिक अपने द्वारा खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं पर दिए गए टैक्स को अपने बिक्री पर दिए गए टैक्स से घटा सकते हैं।
4. रिटर्न फाइलिंग: व्यापारी को मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर जीएसटी रिटर्न फाइल करना होता है। इसमें उसकी बिक्री, खरीद और टैक्स देयता की जानकारी शामिल होती है।
5. टैक्स भुगतान: व्यापारी को अपनी देय टैक्स राशि को ऑनलाइन भुगतान करना होता है।
6. विवरण : जीएसटी की राशि केंद्र और राज्य के बीच उनके हिस्से के अनुसार बाटी जाती है।
जीएसटी की चुनौतियां
1. जटिल प्रारंभिक प्रक्रियाएं:
छोटे व्यापारियों के लिए रजिस्ट्रेशन और रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया शुरू में जटिल हो सकती है।
2. तकनीकी मुद्दे :
जीएसटी पोर्टल पर कभी-कभी तकनीकी समस्याएं आती हैं।
3.दर की विविधता:
जीएसटी की कई दर (0% 5% 12% 18% 28%) है, जो जटिलता बढ़ा सकती हैं।
रिजल्ट
जीएसटी ने भारत की कर पर प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाया है। यह न केवल व्यापारियों के लिए लाभकारी है, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह उत्पादकों और सेवाओं की लागत को कम करता है। हालांकि इसे पूरी तरह से समझने और अपनाने में समय और प्रयास की आवश्यकता है।