टैरिफ क्या होता है? (What is Tariff)

टैरिफ क्या होता है? (What is Tariff)

परिचय 

टैरिफ (Tariff) एक प्रकार का कर (Tax) होता है जो सरकार द्वारा आयात निर्यात किए जाने वाले सामानों पर लगाया जाता है। यह विदेशी व्यापार को नियंत्रित करने, घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने और सरकार के राजस्व में वृद्धि करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। टैरिफ के माध्यम से देश अपने आर्थिक हितों की रक्षा करते हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बनाए रखने का प्रयास करते हैं। 

इस लेख में हम टैरिफ की परिभाषा, प्रकार, उद्देश्य, प्रभाव और इससे जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

टैरिफ की परिभाषा (Definition of Tariff)

टैरिफ एक कर या शुक्ल हैं जो किसी देश को सरकार द्वारा दूसरे देश को आयात किए गए माल (Goods) या सेवाओं (Service) पर लगाया जाता है। यह शुक्ल सीमा शुल्क (Customs Duty) के रूप में भी जाना जाता है। टैरिफ का मुख्य उद्देश्य आयात को नियंत्रित करना, घरेलू उत्पादों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना और सरकारी राजस्व बढ़ाना होता है।

Tariff

टैरिफ के प्रकार (Types of Tariff)

टैरिफ कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें उनके लगाने के तरीके और उद्देश्य के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है:

Tariff

विशिष्ट टैरिफ (Special tariff)

यह टैरिफ माल की मात्रा या संख्या के आधार पर लगाया जाता है जैसे- प्रति यूनिट रुपए 10 का शुल्क। उदाहरण के लिए यदि कोई देश प्रति टन गेहूं पर रुपए 500 का टैरिफ लगता है, तो 100 टन गेहूं आयात करने का ₹50000 का शुल्क देना होगा।

मूल्य आधारित टैरिफ (Ad Valorem tariff)

इस प्रकार का टैरिफ माल के मूल्य के एक निश्चित प्रतिशत के रूप में लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी उत्पाद का मूल्य है ₹100000 हैं और टैरिफ दर 10% है, तो ₹10000 का शुल्क देना होगा। 

संयुक्त टैरिफ (Compound Tariff)

यह विशिष्ट और मूल्य – आधारित टैरिफ का मिश्रण होता है। इसमें एक निश्चित राशि और मूल्य का प्रतिशत दोनों शामिल होते हैं। 

प्रतिरोधी टैरिफ (Retaliation Tariff)

जब एक देश दूसरे देश द्वारा लगाएं गए टैरिफ का जवाब अपने टैरिफ से देता है, तो इसे प्रतिशोधी टैरिफ कहा जाता है। यह व्यापार युद्ध का कारण भी बन सकता है। 

प्रोत्साहन टैरिफ (Incentive Tariff)

कुछ देश-विदेश उत्पादकों के आयात को बढ़ावा देने के लिए कर टैरिफ या छूट प्रदान करते हैं।

सुरक्षात्मक टैरिफ 

इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादकों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना होता है। उच्च टैरिफ के कारण आयातित सामान महंगे हो जाते हैं, जिसेसे घरेलू उत्पादकों की मांग बढ़ती है।

टैरिफ के उद्देश्य (Protective Tariff)

टैरिफ लगाने के पीछे कई आर्थिक और राजनीतिक उद्देश्य होते हैं:

Tariff

घरेलू उद्योगों का संरक्षण (Protection aap Domestic industry): उच्च टैरिफ से आयातित सामान महंगा हो जाता है, जिससे घरेलू उत्पादों को फायदा होता है। 

  • सरकारी राजस्व में वृद्धि (Revenue Generation): टैरिफ सरकार के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। 
  • आयत नियंत्रित (Control on Import): अत्यधिक आयात को रोक कर व्यापार घाटे को कम किया जा सकता है।
  • विदेशी प्रतिस्पर्धा से सुरक्षा (Protection From Foreign Competition): छोटे और नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए टैरिफ का उपयोग किया जाता है। 
  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन (Balance of Trade): टैरिफ के माध्यम से आयात – निर्यात का संतुलन बनाया जाता है।

टैरिफ के लाभ (Advantage of Tariff) v/s टैरिफ के नुकसान (Disadvantage of Tariff)

Tariff
  1. घरेलू रोजगार बढ़ता: स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं।
  2. सरकार को अतिरिक्त आय: टैरिफ से प्राप्त राजस्व सरकार को बुनियादी ढांचे और विकास कार्य में मदद करता है। 
  3. अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकना: कुछ देश डंपिंग के जरिए सस्ते माल बेचते हैं, टैरिफ इस पर रोक लगाता है। 

टैरिफ के नुकसान (Disadvantage of Tariff)

  1. उपभोक्ताओं पर बोझ: आयातित सामान महंगा होने से लोगों को अधिक कीमत चुकानी पड़ती है।
  2. व्यापार युद्ध का खतरा: एक देश द्वारा टैरिफ लगाने पर दूसरा देश भी प्रतिस्पर्धी कदम उठा सकता है।
  3. घरेलू उद्योगों में अरक्षण: अत्यधिक संरक्षण के कारण कंपनियां प्रतिस्पर्धी नहीं बन पाती।

रिसिप्रोकल टैरिफ क्या होता है? (What is reciprocal Tariff)

Tariff

रिसिप्रोकेट टैरिफ एक ऐसा ऐसी व्यवस्था है जिसमें दो देश एक दूसरे के सामानों पर समान या लगभग समान टैरिफ लगते हैं। इसका उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, यदि भारत अमेरिका से आयात कारों पर 10% तारिक लगता है, तो अमेरिका भी भारत से आयातित सामान पर 10% टैरिफ लगा सकता है। 

  1. रिसिप्रोकेट टैरिफ के लाभ 
  2. द्विपक्षीय व्यापार बढ़ता है।
  3. विवाद काम होते हैं। 
  4. दोनों देशों के उद्योग को न्यायसंगत प्रतिस्पर्ध मिलती है। 

निष्कर्ष (Conclusion)

अंतरराष्ट्रीय व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना और सरकारी राजस्व बढ़ाना होता है। हालांकि, इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जो उपभोक्ता पर अतिरिक्त बोझ और व्यापार युद्ध का खतरा है।  रेसिप्रोकल टैरिफ जैसी व्यवस्थाएं निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।

सरकारों को टैरिफ नीतियां बनाते समय घरेलू उद्योगों और उपभोक्ताओं के हितों का संतुलन बनाए रखना चाहिए ताकि देश की आर्थिक विकास का स्थिर रहे।

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