Chenab Railway Arch Bridge (चिनाब रेलवे आर्च ब्रिज): 1500 करोड रुपए के लागत वाला यह पुल क्यों है खास?

Chenab Railway Arch Bridge (चिनाब रेलवे आर्च ब्रिज): 1500 करोड रुपए के लागत वाला यह पुल क्यों है खास?

प्रस्तावना 

भारतीय रेलवे ने हाल ही में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज, चिनाब रेलवे आर्च ब्रिज (Chenab Railway Arch Bridge) का निर्माण पूरा किया हैं। यह पुल जम्मू – कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना है और इसे भारतीय इंजीनियरिंग का एक अदभुत नमूना माना जा रहा है। इस पुल की ऊंचाई 369 मी (359 फिट) है, और पेरिस के एफिल टावर (324 मीटर) से भी ऊंचा है। इसकी निर्माण लागत लगभग 1500 करोड रुपए आई हैं।

लेकिन यह सवाल है कि इतनी बड़ी लागत और इंजीनियरिंग चुनौतियों के बावजूद यह पुल इतना खास क्यों है? इस लेख में हम चिनाब ब्रिज के बारे में निर्माण, इसकी विशेषताओं, चुनौतियां और रणनीतिक महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे।

चित्नाब का निर्माण: एक ऐतिहासिक उपलब्धि 

परियोजना किसका शुरूआत 

चिनाब ब्रिज (Chenab Railway Arch Bridge) का निर्माण भारतीय रेलवे के उत्तरी रेलवे जोन द्वारा कटरा-बनिहाल रेलवे लाइन के तहत किया गया है। यह परियोजना जम्मू की कश्मीर घाटी से जुड़ने वाली महत्वपूर्ण रेल लिंक का हिस्सा है। इस पुल का निर्माण कर 2002 में शुरू हुआ था, लेकिन तकनीकी और भौगोलिक चुनौतियों का कारण इसमें काफी देरी हुई।

Chenab Railway Arch Bridge

निर्माण में लगी कंपनियां 

Chenab Railway Arch Bridge का डिजाइन कोनकल रेलवे कॉपरेशन ने तैयार किया था, जबकि निर्माण कार्य अफकान इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड चीन की चोंगकिंग सुआनचांग कम्यूनिकेशंस कंस्ट्रक्शन  कंपनी ने मिलकर किया। 

निर्माण में लगा समय और लागत 

निर्माण अवधि: 20 साल (2002-2023)

कुल लगाकर: 1500 करोड़ रुपया 

स्टील का उपयोग: 25000 टन से अधिक 

कंक्रीट का उपयोग: 5000 घन मीटर

चिनाब ब्रिज की प्रमुख विशेषताएं 

विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज 

चिनाब ब्रिज (Chenab Railway Arch Bridge) की ऊंचाई 359 मीटर है, जो इसे दुनिया के सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज बनती है। यह पुल चीन की शुईबाई रेलवे ब्रिज (275 मीटर) और नार्वे के कजेरमेन ब्रिज (85 मीटर) से भी ऊंचा है। 

Chenab Railway Arch Bridge

मजबूत संरचना 

आर्च डिजाइन: यह पुल स्टील की विशाल आर्च पर टिका है, जो भूकंप और तेज हवाओं को सहन करने में सक्षम है। 

एंटी सीसमिक तकनीकी: पुल को 8.0 तीव्रता वाले भूकंप को झेलने के लिए डिजाइन किया गया है। 

विंड प्रूफ डिजाइन: 266 किलोमीटर/घंटा की रफ्तार वाली हवाओं को सहन करने की क्षमता।

लंबाई और चौड़ाई 

कुल लंबाई: 1.315 किलोमीटर

आर्च स्पेन: 467 मी 

ट्रेन की गति: 100 किलोमीटर/ घंटा 

सुरक्षा फीचर्स 

  • ऑटोमेटिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम 
  • ब्लास्ट प्रूफ डिजाइन (आतंकी हमलों से सुरक्षा)
  • 24*7 सीसीटीवी निगरानी।

निर्माण में आई चुनौतियां 

कठिन भौगोलिक परिस्थितियों 

चिनाब नदी घाटी में खड़ी चट्टान और गहरी खाई होने के कारण निर्माण कार्य मुश्किल था।

भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा बना रहता था। 

Chenab Railway Arch Bridge

मौसम की मार

सर्दियों में तापमान – 20 डिग्री सेंटीग्रेड तक गिर  जाता है, जिससे स्टील और कंक्रीट पर प्रभाव पड़ता है। 

गर्मियों में तेज हवाएं निर्माण कार्य को बाधित करती थी। 

सामग्री की आपूर्ति 

ऊंचाई और दुर्गम स्थान होने के कारण सामग्री लाने में कठिनाइयां। 

चीन से स्टील के कुछ हिस्से मंगवाए गए, जिसमें कोविद-19 के दौरान तेरी हुई।

चिनाब ब्रिज का रणनीतिक और आर्थिक महत्व 

जम्मू कश्मीर को रेल से जोड़ना 

यह पुल कटरा बनिहाल रेल लिंक का हिस्सा है, जो जम्मू को कश्मीर घाटी से जोड़ेगा। 

इससे श्रीनगर तक रेलवे लाइन का विस्तार होगा, जिससे यात्रा का समय कम होगा।

Chenab Railway Arch Bridge

सैन्य और रक्षा महत्व 

Chenab Railway Arch Bridge रक्षा लॉजिस्टिक के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीमावर्ती क्षेत्र तक सैन्य सामग्री पहुंचाने में मदद करेगा। 

लद्दाख और चीन बॉर्डर के लिए सप्लाई चेन मजबूत होगी। 

पर्यटन और आर्थिक विकास 

कश्मीर घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

भविष्य की संभावना 

Chenab Railway Arch Bridge

उत्तर भारत का रेल नेटवर्क मजबूत होगा। 

यह पुल दिल्ली श्रीनगर रेल मार्ग को पूरा करने में मदद करेगा। 

हिमालय रेलवे प्रोजेक्ट को गति मिलेगी।

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मिसाल कायम होगी

इस पुल ने भारतीय इंजीनियरिंग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। 

भविष्य में और भी ऊंचे पुलों को निर्माण की राह खुलेगी।

निष्कर्ष 

चिनाब रेलवे आर्च ब्रिज Chenab Railway Arch Bridge न केवल एक इंजीनियरिंग मार्बल है, बल्कि यह भारत के विकास, सुरक्षा और तकनीकी कौशल का प्रतीक भी हैं। यह पुल के बनाने से जम्मू – कश्मीर का परिवहन तंत्र मजबूत होगा, सैन्य रसद आसान होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में एक बड़ा कदम है और आने वाले समय में देश के बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी। 

(Chenab Railway Arch Bridge) पुल का निर्माण न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की जीवटता और संकल्पशक्ति का भी प्रतीक है, जो दुनिया को दिखाता है कि “असंभव कुछ भी नहीं!”

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