हृदय कैसे काम करता है? हृदय की संरचना एवं कार्य। Human heart and its functions.

हृदय कैसे काम करता है? हृदय की संरचना एवं कार्य। Human heart and its functions.

मानव हृदय: संरचना और कार्य 

परिचय 

मानव हृदय का एक जटिल और महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को पूरे शरीर में पंप करने का कार्य करता है। यह एक मांसपेशियों से बना हुआ अंग है, जो निरंतर धड़कता रहता है और शरीर के सभी ऊतकों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। इस ब्लॉग में हम हृदय की संरचना कार्य प्रणाली और इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे।हृदय कैसे काम करता है…….

हृदय की संरचना 

मानव हृदय चार प्रमुख कक्षा में विभाजित होता है:

हृदय कैसे काम करता है

अलिंद (Atria)

ऊपरी तो कक्ष हैं, जिन्हें दायां और बायां अंदिल कहा जाता है।

ये रक्त को एकत्रित करते हैं और उसे निकले कक्षों में पंप कारण करते हैं।

निलय (Ventricles)

निलय दो बड़े कक्ष होते हैं, जिन्हें दांया और बायां निलय कहा जाता है।

ये रक्त को हृदय से बाहर पंप करते हैं।

हृदय की परतें 

हृदय की संरचना में तीन मुख्य बातें होती हैं:हृदय कैसे काम करता है………

अंडोंकार्डियम: यह आतंरिक परत होती है, जो हृदय के भीतर रक्त प्रभाव को नियंत्रित करती है।

मायोकार्डियम: यह मांसपेशिय परत होती है, जो हृदय के संकुचन के लिए जिम्मेदार होती है।

पेरीकार्डियम: यह बाहरी आवरण होता है, जो हृदय को सुरक्षा प्रदान करता है।

हृदय के कार्य 

ह्रदय का मुख्य कार्य रक्त का पंप करना है। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:

अशुद्ध रक्त का संग्रहण 

शरीर से लौटने वाला अशुद्ध रक्त दाएं आलिंद में आता है।

फेफड़ो में पंपिंग:

हृदय कैसे काम करता है…दाएं आलिंद से रक्त त्रिकपर्दा वाल्व (Tricuspid Valve) के माध्यम से दाएं निलय में जाता है, जहां से यह फुफ्फुसीय धमनी ( Pulmonary Artery) के माध्यम से फेफड़ों में भेजा जाता है।

 फेफड़ों में यह कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है और ऑक्सीजन प्राप्त करता है।

शुद्ध रक्त का वापसी: शुद्ध रक्त फुसफुसीय शिराओं (Pulmonary Artery) के माध्यम से बायो आलिंद में लौटता है।

शरीर में पंपिंग: बाएं आलिंद से रक्त (Mitral Valve) के माध्यम से बाये आलिंद में लौटता है

जहां से यह महा (Aorta) के माध्यम से पूरे शरीर में भेजा जाता है।

हृदय चक्र 

हृदय चक्र दो प्रमुख चरणों में विभाजित होता है:

संकुचन(Systole): इस चरण में हृदय संकुचित होता है और रक्त को बाहर पंप करता है।

शिथिलावस्था (Diastole): इस चरण में हृदय आराम करता है और रक्त को एकत्रित करता है।

विद्युत संचालन प्रणाली 

हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने वाली विद्युत संचरण प्रणाली होती है, जिसमें साइनस नोड ( Sinoatrial Node) प्रमुख होता है। यह विद्युत आवेग उत्पन्न करता है, जो संकुचन को प्रेरित करता है।हृदय कैसे काम करता है……

हृदय की संरचना के बारे में और जानना चाहिए 

मानव हृदय की संरचना के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जा सकता है:

हृदय का आकार और स्थित 

मानव हृदय एक शंकाकार, मांसपेशीय अंग है, जो वक्ष गुहा (thoracic cavity) में फेफड़े के बीच स्थित होता है। इसका लगभग आकर 12 सेंटीमीटर लंबा और 9 सेंटीमीटर चौड़ा होता है। पुरुषों में इसका वजन लगभग 310 ग्राम और महिलाओं में 255 ग्राम होता है।हृदय कैसे काम करता है……

हृदय की बाहरी संरचना 

हृदय चार कक्षा में विभाजित होता है: दायां आलिंद, बायां आलिंद दायां निलय और बायां निलय।

हृदय का अग्र भाग चौड़ा और पश्च भाग नुकीला होता है, जिसमें कोरोनरी सल्कस द्वारा कक्षों का विभाजन होता है।

पेरिकार्डियम 

हृदय एक दोहरी झिल्ली से घिरा होता है, जिसे पेरिकार्डियम कहा जाता है। इसके भीतर पेरिकार्डियम तरल भरा होता है, जो हृदय को घर्षण से बचाता है और इसे नम बनाए रखना है।

आंतरिक संरचना 

हृदय की दीवार तीन परसों में विभाजित होती है:

एपिकार्डियम: बाहरी परत 

मायोकार्डियम: मांसपेशीय परत, जो संकुचन के लिए जिम्मेदार होती है।

एंडोकार्डियम: आंतरिक परत जो रक्त प्रवाह को नियंत्रित करती है।

कक्षों का विभाजन 

दाएं और बाएं आलिंद एक अंतराल पट द्वारा विभाजित होते हैं। इसी प्रकार, दाएं और बाएं निलय भी अंतरानिलयी पट द्वारा विभाजित होते हैं।

दाएं आलिंद में पक्ष महाशीरा और अग्र महशिरा में छिद्र होते हैं, जबकि बाएं आलिंद में फुसफुसीय शिराएं खुलती हैं।

हृदय वाल्व रोग क्या होता हैं?

हृदय एक बहुत अद्भुत अंग है। यह एक अच्छी तरह से डिजाइन किया गया यांत्रिक मास्टरपीस है। हृदय रक्त के छोटी-छोटी कैविटी में इकट्ठा करके और फिर पूरी ताकत के साथ बाहर पंप करता है। टर्बाइन द्वारा संचालित पानी के पंपों के विपरीत, जो केवल एक दिशा में पानी का प्रभाव करते हैं, हृदय में संकुचन की कोई दिशा नहीं होती हैं, और यह बल को दबाव के रूप में सभी दिशाओं में बराबर रूप से बांट देता है। इसका मतलब है कि हृदय को प्रणाली को पंपिंग के दबाव के खिलाफ मजबूती से बंद होने वाले वॉल्व की आवश्यकता होती है ताकि रक्त के पूर्व प्रभाव को रोका जा सके।हृदय कैसे काम करता है……

हृदय की आंतरिक परत, जिसे एंडोकार्डियम कहते हैं, वाल्व बनाने के लिए फ्लैप के रूप में बाहर पढ़ती है। कई फ्लैप बल की दिशा में बंद होते हैं और रक्त के बैकफ्लो को रोकते हैं। जब यह फ्लो फ्लॉप सही तरीके से बंद नहीं होते हैं ये फ्लैप सही तरीके से बंद नहीं होते हैं या लीक होते हैं, तो फलस्वरुप अब रक्त के बहाव को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होता है, और हृदय की ऊर्जा पंपिंग में क्षय हो जाती है।हृदय कैसे काम करता है…….

हृदय में वाल्व कहा स्थिर होते हैं

हृदय में चार प्रमुख वाल्व होते हैं, जिसमें से दो वाल्व आलिंद और निलय के जुड़ने वाले स्थान पर होते हैं। दाहिने और का वाल्व ट्राईकसपीड़ वाल्व कहलाता है क्योंकि इसमें तीन फ्लैप्स होते हैं जो प्रसारण की स्थिति में बंद होते हैं। 

हृदय वाल्व रोग कितने सामान्य होते हैं?

हृदय वाल्व रोग लगभग 2 से 3% जनसंख्या को प्रभावित करते हैं।  इसकी संभावना अधिकतर वृद्ध व्यासको में होती है।

हृदय रोग के लक्षण क्या होते हैं? 

हृदय वाल्व के सभी मामलों में हमेशा लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।समय के अनुसार कुछ स्थितियां खराब हो जाती हैं और लक्षण दिखने लग जाते हैं। जब संकेत और लक्षण प्रकट होते हैं, तो आमतौर पर निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • सांस लेने में तकलीफ 
  • पैर या पेट में सूजन 
  • सामान कमजोरी 
  • अचानक वजन बढ़ाना
  • बेहोशी
  • अनियमित दिल की धड़कनें

रिज़ल्ट 

मानव हृदय एक अद्वितीय अंग है, जो जीवन के लिए आवश्यक कार्य करता है। इसकी संरचना और कार्य प्रणाली इसे एक प्रभावी पंप बनती है, जो शरीर के सभी अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करती है। हृदय की स्वस्थ देखभाल करना बहुत आवश्यक है ताकि हम स्वस्थ जीवन जी सकें।हृदय कैसे काम करता है….

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