बैरिस्टर, लॉयर और एड्वोकेट में क्या अंतर होता है?

बैरिस्टर, लॉयर और एड्वोकेट में क्या अंतर होता है?

बैरिस्टर 

परिभाषा 

बैरिस्टर एक ऐसा कानून पेशेवर होता है जो मुख्य रूप से अदालत में मुकदमे की पैसवी करता है। यह स्वाद आमतौर पर ब्रिटिश कानून प्रणाली से जुड़ा हुआ है। और इसे भारत या अन्य देशों में समान रूप से उपयोग किया जाता है।

प्रमुख विशेषताएं 

अदालत में विशेषज्ञ बैरिस्टर का मुख्य कार्य अदालत में बहस करना और जटिल कानून कानूनी मामलों में सलाह देना है। वे मुकदमों में दोनों पक्षों की ओर से दलीलें प्रस्तुत करते हैं।

योग्यता 

बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड और वेल्स में ‘ बार काउंसलिंग ‘ द्वारा प्रमाणित संस्थान से बैरिस्टर ट्रेनिंग कोर्स (B T C) पूरा करना होता है।

इसके बाद उसे एक “इन ऑफ कोर्ट” में शामिल होना पड़ता है और “पूपीलेज” नामक एक प्रशिक्षण अवधि पूरी करनी होती है।

सीमित संपर्क बैरिस्टर आमतौर पर सीधे ग्राहकों को संपर्क नहीं करते उनके पास “सॉलीसीटर” के माध्यम से मामले आते हैं।

विशेष पहचान बैरिस्टर पारंपरिक काले गाउन और विग पहनकर अदालत में पेश होते हैं।यह उनके पेशेवर पहचान का हिस्सा हैं।

कार्यक्षेत्र 

बैरिस्टर मुख्य रूप से उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट जैसे बड़े अदालतों में काम करते हैं। उनका फोकस जटिल कानूनी मुद्दों को सुलझाना और गहराई से कानूनी विशेषण करना होता है।

बैरिस्टर, लॉयर और एड्वोकेट में क्या अंतर होता है?

लॉयर

परिभाषा 

लॉयर का कार्य क्षेत्र व्यापक होता है। यह अदालत में पेश हो सकते हैं, कानूनी सलाह दे सकते हैं, दस्तावेज तैयार कर सकते हैं और अनुबंध बना सकते हैं।

योग्यता 

लॉयर बनने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री एलएलबी प्राप्त करनी होती है।

कुछ देशों में, बार एग्जाम पास करना आवश्यक होता है।

शब्द का उपयोग 

भारत में लॉयर शब्द का उपयोग कम किया जाता है इसके स्थान पर “एडवोकेट” शब्द अधिक प्रचलित है।

अमेरिका में,लॉयर सबसे अधिक प्रचलित है और यह बैरिस्टर और सॉलिस्टर दोनों के लिए उपयोग किया जाता है।

कार्य क्षेत्र 

लॉयर कानूनी क्षेत्र के विभिन्न लहलुओं में काम कर सकते हैं, जैसे कॉर्पोरेट ला, अपराधिक ला, सिविल लॉ,संपत्ति कानून में हो सकते हैं। किसी कंपनी के कानूनी विभाग में काम कर सकते हैं।

एडवोकेट

 परिभाषा 

एडवोकेट शब्द वह होता है जो अदालत में किसी पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है और उसके पक्ष में दलीलें प्रस्तुत करता है।यह भारत और अन्य देशों में कानूनी पेशे के लिए उपयोग किए जाने वाला एक विशेष शब्द है।

प्रमुख विशेषताएं 

अधिकार क्षेत्र एडवोकेट केवल वही व्यक्ति हो सकता है जो बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया में पंजीकृत हो और वकालत करने का लाइसेंस रखता हूं।

योग्यता 

भारत में एडवोकेट बनने के लिए एलएलबी डिग्री प्राप्त करना और बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया(BCI) द्वारा आयोजित ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE)पास करना आवश्यक है।

सीधे संपर्क 

 एडवोकेट सीधे अपने ग्राहकों के साथ संपर्क करते हैं और उनके लिए अदालत में पेशहोते हैं।

भूमिका

मैं अपने ग्राहकों की ओर से कानूनी दलीलें प्रस्तुत करते हैं।

कानून से संबंधित दस्तावेज तैयार करते हैं और कानूनी परामर्श देते हैं।

कार्यक्षेत्र 

एडवोकेट भारत में विभिन्न अदालत जैसे जिला न्यायालय, उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में काम करते हैं। वे अपराधिक, सिविल और अन्य कानूनी मामलों में विशेषता रखते हैं।

रिजल्ट 

बैरिस्टर लॉयर और एडवोकेट तीनों ही कानूनी पेशे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं,लेकिन उनकी भूमिका और कार्य क्षेत्र में स्पष्ट भिन्नताएं हैं। बैरिस्टर अदालत में बहस करने वाले विशेषज्ञ होते हैं,लॉयर एक व्यापक शब्द है जो सभी कानूनी पेशेवरों को दर्शाता है,और एडवोकेट भारत में अदालत में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करने वाला पेशेवर है।

इन तीनों के बीच का अंतर समझना केवल कानूनी के छात्रों और पेशवारों के लिए बल्कि आम जनता के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी कानूनी मामलों के लिए सही व्यक्ति से संपर्क कर सकें…

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