बजट 2025-2026

बजट 2025-2026

भारत सरकार ने 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 2025- 26 की केंद्रीय बजट में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं, जो देश की आर्थिक विकास कृषि, विज्ञान, और नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।

कर सुधार 

मध्यवर्गीय करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए, नए कर ढांचे के तहत रुपए ₹12 लाख तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा।

इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर स्रोत पर कटौती (TDS) की सीमा ₹50000 से बढ़कर ₹1 लाख कर दी गई है, और किराए पर TDD की वार्षिक सीमा  ₹2.40 लाख से बढ़कर 6 लाख कर दी गई है।

राष्ट्रीय बचत योजना से 29 अगस्त 2014 के बाद से की गई निकासी पर भी कर छूट प्रदान की गई है। आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को 2 साल से बढ़कर 4 साल कर दिया गया, और अप्रत्यक्ष करों में बदलाव के लिए एक नया आयकर विधयेक अगले सप्ताह पेश किया जाएगा।

कृषि पर ध्यान 

बजट 2025-2026

कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों को शामिल किया जाएगा, जिसमें 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होने की उम्मीद है। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से 7.7 करोड़ किसानों, मच्छरों और डेयरी किसानों को ₹5 लाख तक देने के अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान की जाएगी। तूर, उड़द और मशहूर जैसी दलों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए 6 वर्षी मिशन शुरू किया जाएगा। इसके अलावा बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी।

विज्ञान और नवाचार में निवेश 

बजट 2025-2026

निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान, विकास, और नवाचार पहल को लागू करने के लिए ₹20000 करोड़ का आवंटन किया गया है। आईआईटी और आईआईएससी में तकनीकी अनुसंधान के लिए फेलोशिप प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप शुरू कि जाएगी। भविष्य की खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरी जीन बैंक की स्थापना की जाएगी।

निर्यात संर्वधन

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इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए, एलईडी/एलसीडी टीवी के लिए ओपन सेल, वस्त्रों के लिए लूप, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों की लिथियम आयन बैटरी के लिए पूंजीगत वस्तुओं पर छूट प्रदान की जाएगी। जहाज निर्माण और तोड़ने के लिए 10 वर्षों के लिए वस्तुओं पर छूट, और मरम्मत के लिए आयातित रेलवे सामान के निर्यात की समय सीमा बढ़ाई जाएगी। व्यापार सुविधा के लिए, अस्थाई मूल्यांकन के अंतिम रूप देने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है; नए प्रावधान के तहत, सामग्री तथ्यों की स्वैच्छिक घोषणा के बाद ब्याज के साथ शुल्क भुगतान किया जा सकता है, लेकिन बिना किसी दंड के; आईसीआर नियमों में संशोधन करके समय सीमा को 1 वर्ष तक बढ़ाया गया है और मासिक के बजाय त्रैमासिक विवरण दाखिल करने की अनुमति दी गई है।

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI)

इलेक्ट्रॉनिक घटकों के लिए ₹25000 करोड़ की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है, जो निवेश को आकर्षित करने और रोजगार सृजन में मदद करेगी।

होलिका व्यय में वृद्धि

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निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार अपने पूंजीगत व्यय को FY26 में 11 – 11.5 लाख करोड़ तक बढ़ाने की योजना बना रही है, तो  FY25 में ₹10 लाख करोड़ था। इसके बुनियादी ढांचे स्वास्थ्य, शिक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

वित्तीय समीकरण और विकास 

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सरकार का लक्ष्य FY26 में राजकोषीय घाटे को GDP के 4.3- 4.4% तक कम करना है, जो FY 25 में 4.8- 4.9 था। इसके लिए, सब्सिडी को कम करने, राजस्व प्राप्तियां को स्थिर करने, और उधारी कार्यक्रम को स्थित रखने की योजना है।

इन उपायों के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना, और देश के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है।

बजट 2025 – 26: मुख्य बिंदु

आर्थिक विकास और विकास दर

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बजट 2025 – 26 में सरकार ने देश की आर्थिक दर को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है। इस वर्ष के बजट में जीडीपी विकास दर को 7.5% तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने और नीतिगत सुधारो को लागू करने की योजना बनाई है।

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कृषि क्षेत्र 

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कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। बजट 2025-26 में किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उत्पादकता को सुधारने के लिए कई योजनाएं शामिल है। इसमें किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, और कृषि उत्पादों को के निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है।

स्वास्थ्य सेवाएं 

बजट 2025-2026

कोविद-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवाओं का महत्व और बढ़ गया है। बजट 2025-6 में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवेदन में वृद्धि की गई है। इसके तहत नई अस्पतालों का निर्माण, मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा, और स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार शामिल है।

शिक्षा 

बजट 2025-2026

शिक्षा क्षेत्र को भी बजट 2025-26 में प्राथमिकता दी गई है। सरकार ने शिक्षा की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजना शुरू की है। इसके अलावा उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और ऋण सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है।

बुनियादी ढांचा 

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बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट 2025-26 में भारी निवेश किया गया है। इसके तहत सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे और बंदरगाहों के विकास पर जोर दिया गया है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को भी तेजी से आगे बढ़ाने की योजना है।

रक्षा

बजट 2025-2026

रक्षा क्षेत्र को भी बजट 2025-26 में महत्व दिया गया है। भारत सरकार ने रक्षा बजट में वृद्धि की है और आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की है। इसके अलावा सैन्य अनुसंधान और विकास पर भी जोर दिया गया है।

ऊर्जा 

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ऊर्जा क्षेत्र में बजट 2025 26 में नवीनीकरण ऊर्जा को बढ़ावा दिया गया हैं। सरकार ने सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए निवेश बढ़ाया है। इसके अलावा पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के उपाय को कम करने के लिए भी योजनाएं शुरू की गई है

कर नीति 

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बजट 2025-26 में कर नीति में कुछ बदलाव किया गया हैं। भारत सरकार ने आयकर स्लैप में संशोधन किया है और छोटे और मध्यम व्यवसाययों के लिए कर छूट की योजनाएं शुरू की है। इसके अलावा जीएसटी दलों में भी कुछ संशोधन किए गए हैं

वित्तीय समावेशन 

बजट 2025-2026

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बजट 2025-26 में कई परियोजनाएं शुरू की गई है। इसमें डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना, बैंक के सेवाओं का विस्तार, और ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना शामिल है।

पर्यावरण 

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संरक्षण को भी बजट 2025-26 में प्राथमिकता दी गई है। भारत सरकार नगीनीकरण, प्रदूषण नियंत्रण, और जल संसाधन के लिए कई परियोजना शुरू हुई है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भी नीतियां बनाई गई है।

रिज़ल्ट 

बजट 2025-26 देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और विकास की गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, रक्षा, ऊर्जा कर नीति, वित्तीय समावेशन, और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की गई है। इन योजनाओं का आम नागरिकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और देश की आर्थिक विकास दर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि, इन योजना का सफल क्रियान्वयन  ही देश की देश के विकास को सुनिश्चितकरेगा।

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