आईंएएस (IAS) कैसे बनते हैं और आईएएस अधिकारी के कार्य क्या है?

इस भारतीय (प्रशासनिक सेवा) का परिचय:

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS)भारत के सबसे प्रसिद्ध और चुनौतीपूर्ण पेशों में से एक है। यह भारतीय प्रशासनिक ढ़ांचे का प्रमुख हिस्सा है और देश के शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। आईएएस अधिकारी नीतियों का निर्माण और प्रशासनिक नियंत्रण जैसे कार्यों में शामिल होते हैं।

आईएएस बनने की प्रक्रिया: 

आईएएस बनने के लिए आपको संघ लोक सेवा आयोग (U.P.S.C) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (C.S.E) पास करनी होती है। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है।

1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary exam)

2. मुख्य परीक्षा मैंस एक्जा (Mains Exam)

3. साक्षात्कार परीक्षा (interview)

आईंएएस (IAS) कैसे बनते हैं और आईएएस अधिकारी के कार्य क्या है?

1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary exam)

यह परीक्षा एक स्क्रीनिंग टेस्ट होती है जिसमें दो पेपर शामिल होते हैं:

 पेपर 1: सामान्य अध्ययन (General study)

 पेपर 2: सिविल सेवा इंस्टिट्यूट टेस्ट (CSAT)

योग्यता:

न्यूनतम 33% अंक का CSAT में अनिवार्य हैं 

केवल वे उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए पात्र होते हैं जो पेपर 1 में कट – ऑफ को पार करते हैं।

2. मुख्य परीक्षा (Main exam):

मुख्य परीक्षा लिखित रूप में होती है और इसमें 9 पेपर होते हैं:

 अनिवार्य परिभाषा पेपर: एक भारतीय भाषा और अंग्रेजी। 

 सामान्य अध्ययन (GS): चार पेपर।

 वैकल्पिक विषय (Optional Subject):दो पेपर।

 निबंध लेखन (Essay):एक पेपर

यह परीक्षा आपके विश्लेषणात्मक और लेखन कौशल की जांच करती हैकरती है।

3. साक्षात्कार (Interview)

मुख्य परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को व्यक्तिगत परीक्षण (Personality Test) या साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। यह चरण 275 अंकों काहोता है।

इसमें आपकी सामान्य जागरूकता, नेतृत्व क्षमता, समस्या समझाने की क्षमता और व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है।

जैन प्रक्रिया के लिए कुल अंक: 

मुख्य परीक्षा (1750 अंक) और साक्षात्कार (275 अंक) को मिलाकर कुल 2025 अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाती है।

आईएएस अधिकारी के लिए आवश्यक योग्यता: 

1. शैक्षणिक योग्यता:

  •  किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री।
  •  अंतिम वर्ष के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं

2. आयु सीमा:

 सामान्य वर्ग: 21 से 32 वर्ष।

 ओबीसी: 21 से 35 वर्ष।

 एससी-एसटी: 21 से 37 वर्ष।

3. प्रयासों की सीमा: 

  सामान्य वर्ग: 2 प्रयास ।

 ओबीसी: 9 प्रयास । 

  एससी/एसटी: कोई सीमा नहीं।

4. राष्ट्रीयता: 

भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।

आईएएस अधिकारी के कार्य और जिम्मेदारियां: 

आईएएस अधिकारी की जिम्मेदारियां उनकी पोस्टिंग और कार्यक्षेत्र पर निर्भर करती हैं। मुख्य रूप से उनके कार्य निम्नलिखित होते हैं:

1. प्रशासनिक कार्य:

 जिले में कानून व्यवस्था रखना।

नीतियों और योजनाओं क्रियान्वयन करना। विकास कार्यों के निगरानी।

आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों का संचालन।

2 नीति निर्माण 

सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए नीति तैयार करना।

 विकास कार्यों के लिए बजट तैयार करना और संसाधनों का आवंटन करना।

3 लोक कल्याणकारी योजना का कार्यान्वयन:

केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की ज़मीनी स्तर पर लागू करना।

 सरकारी परियोजनाओं की गुणवत्ता और समय सीमा का निरीक्षण करना।

4 कानून और व्यवस्था: 

जिले में शांति और सुरक्षा बनाए रखना।

 पुलिस और अन्य विभागों के साथ समन्वय।

5 राजस्व कार्य

भूमि सुधार और कर संग्रह से जुड़े कार्य।

 किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से संबंधित समस्याओं का समाधान।

6 आपदा प्रबंधन 

प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाद, भूकंप, सूखा आदि के दौरान राहत कार्यों का संचालन। प्रभावित लोगों का सहायता पहुंचाना।

आईएएस अधिकारी बनने के फायदे और चुनौतियां: 

फ़ायदे:

1 सम्मान और प्रतिष्ठा: आई ए एस अधिकारी समाज में उच्च सम्मानित होते हैं।

2 आर्थिक सुरक्षा: वेतन, भत्ते और पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती है।

3 विधिक कार्य क्षेत्र:

आईएएस अधिकारी शिक्षा, स्वस्थ, कृषि, उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं।

4 नौकरी की स्थिति:

 यह एक सुरक्षित और स्थाई नौकरी है।

चुनौतियां: 

1 कठिन चयन प्रक्रिया:

 यूपीएससी परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है।

2 कार्यभार:

आईएएस अधिकारी को लंबा कार्य समय और भरी जिम्मेदारियां निभानी होती हैं।

4 राजनीतिक दबाव:कई बार अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ता है।

5  समस्याओं का समाधान: सामाजिक और प्रशासनिक समस्याओं से निपटने के लिए त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने होते हैं।

आईएएस बनने के लिए तैयारी कैसे करें? 

1. समय प्रबंधन:

 परीक्षा की तैयारी के लिए एक निश्चित समय सारणी बनाएं।

2. सामान्य अध्ययन पर ध्यान दें:

 प्राचीन और आधुनिक इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ – साथ समसामायिक घटनाओं का अध्ययन करें।

3. एनसीईआरटी की पुस्तके:

कक्षा 6 से 12 तक की एनसीईआरटी की किताबें पढ़ें।

4. परीक्षा पैटर्न और सिलेबस को समझें:

यूपीएससी के सिलेबस को गहराई से समझने और उसी के अनुसार अपनी तैयारी करें।

5. मॉक टेस्ट और पिछले प्रश्न पत्र:

नियमित रूप से मॉक टेस्ट दें और पुराने प्रश्न पत्र हल करें।

6. समाचार पत्र और मैगजीन:

 दैनिक समाचार पत्र (जैसे, ‘द हिंदू’ या इंडियन एक्सप्रेस’) पढ़े।

7. लेखक कौशल में सुधार:

 मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन का अभ्यास करें।

8 सामूहिक चर्चा और साक्षात्कार अभ्यास:

साक्षात्कार की तैयारी के लिए समूह चर्चा करें और मार्क इंटरव्यू में भाग लें।

रिज़ल्ट 

आईएएस बनने का सफर मेहनत, धैर्य और समर्पण की मांग करता है। यह एक ऐसा पेश है जो न केवल आपको व्यक्तिगत और पेशेवर विकास का अवसर देता है, बल्कि समाज और देश के विकास में भी योगदान करने का मंत्र प्रदान करता है। आईएएस अधिकारी बनने की यात्रा चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन इसकी उपलब्धियां का अनुभव अद्वितीय और प्रेरणादायक है। 

अगर आप अनुशासन, निरंतर प्रयास करें और ध्यान के साथ तैयारी करते हैं, तो निश्चित रूप से आप इस सपने को साकार कर सकते हैं।

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