अयोध्या इतिहास और महत्व
परिचय
अयोध्या, जिसे भगवान श्रीराम की जन्म भूमि के रूप में जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक प्राचीन और पवित्र नगर है। अयोध्या, यह नगर पवित्र सरयू नदी के तट पर बसा हुआ है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। अयोध्या का इतिहास धार्मिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है।
अयोध्या भारत का सुबसे सुन्दर और धार्मिक केंद्र बना गया है…..
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अयोध्या की स्थापना
अयोध्या धार्मिक ग्रंथो के अनुसार अयोध्या की स्थापना मनु ने की थी, जो सूर्य के पुत्र थे। यह नगर प्राचीन काल से ही सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रहा है। रामायण के अनुसार अयोध्या का निर्माण मनु के 10वें पुत्रों में से इक्ष्वाकु द्वारा किया गया था। इक्ष्वाकु वंश में भगवान श्री राम का जन्म हुआ जो अयोध्या के 63वें राजा राजा दशरथ के पुत्र थे।
ऐतिहासिक महत्व
अयोध्या को वेदों में ईश्वर का नगर बताया गया है। अथर्ववेद में इसे यौगिक प्रतीक के रूप में वर्णित किया गया है। अयोध्या का आकार लगभग 144 किलोमीटर लंबा और 36 किलोमीटर चौड़ा था। यह नगर कई शताब्दियों तक सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रहा और यहां अनेक मंदिरों का निर्माण हुआ।
धार्मिक स्थल
अयोध्या में कई प्रमुख धार्मिक स्थल है:

राम जन्मभूमि: यह स्थान भगवान श्री राम का जन्म स्थान माना जाता है।
हनुमानगाढ़ी : यहां हनुमान जी का मंदिर है जहां भक्त पहले हनुमान जी के दर्शन करते हैं।
कनक भवन: यह मंदिर देवी सीता को समर्पित है।
नागेश्वर नाथ मंदिर: यह शिव जी को समर्पित एक प्राचीन मंदिर हैं।
तुसली स्मारक भवन
अयोध्या, महाकवि तुलसीदास को समर्पित यह स्मरण उन स्थलों में से एक है जहां उन्होंने श्री “रामचरितमानस” लिखा था। यहां तुलसीदास जी की मूर्ति स्थापित है और यह स्थान भक्तों के लिए श्रद्धा का केंद्र है।
सरयू घाट
सरयू नदी के किनारे स्थिति यह घाट धार्मिक स्नान और अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां विशेष पर्वों पर बड़ी संख्या में भक्त एकत्र होते हैं और धार्मिक क्रियाएं करते हैं।
राजद्वार मंदिर
यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है और अयोध्या के प्रमुख स्थलों में से एक माना जाता है। इसकी वास्तु कला और भव्यता इसे विशेष बनाते हैं।
लक्ष्मण किला
यह स्थान महान संत स्वामी युगनालनन्यशरण जी महाराज की तपस्थली है। यहां पर विभिन्न धार्मिक उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाते हैं और यह अतिथियों और यात्रियों के लिए ठहरने का उत्तम विकल्प है।
राम की पैड़ी
अयोध्या, यह घाट भी अयोध्या के प्रमुख तीर्थ स्थान में शामिल है, जहां भक्तजन स्नान करते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
जैन तीर्थ स्थल
अयोध्या केवल हिंदू धर्म का ही नहीं बल्कि जैन धर्म का भी महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां 24 तीर्थंकरों में से 5 का जन्म हुआ माना जाता है, जिसमें ऋषभनाथ, अजितनाथ, अभिनंदननाथ सुमितनाथ और अनंतनाथ शामिल हैं।
गुप्तार घाट
अयोध्या, यह स्थान भी धार्मिक महत्व रखता है, यहां भक्तजन स्नान करते हैं और पूजा करते हैं। इसे मोक्ष प्राप्त करने का स्थान माना जाता है।
त्रेता के ठाकुर मंदिर
इस मंदिर में भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और अन्य देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित है। इस पौराणिक अश्वमेध यज्ञ किया जिससे जोड़ा जाता है।
सीता रसोइया
यह स्थान माता सीता की रसोई के रूप में प्रसिद्ध है, जहां भक्तगण माता सीता की पूजा करते हैं।
आधुनिक विकास
अयोध्या 2020 में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ, जो अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि पर्यटन के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बनेगा।
मुख्य पर्व और उत्सव
अयोध्या में कई प्रमुख पर्व बनाए जाते हैं:
श्रीरामनवमी: भगवान श्री राम का जन्मोत्सव।
दीपावली: अयोध्या में दीप जलाकर भगवान राम के स्वागत की परंपरा।
गुरु पूर्णिमा: गुरु की पूजा और सम्मान का पर्व।
अयोध्या के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण पल
प्राचीन स्थापना (ईसा पूर्व 57)
अयोध्या की स्थापना का श्रेय राजा विक्रमादित्य को दिया जाता है। उन्होंने इस नगर का पुनर्निर्माण किया और इसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनाया।
रामायण का काल
अयोध्या को भगवान श्री राम की जन्म भूमि माना जाता है। रामायण में अयोध्या का वर्णन मिलता है, जो इसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्रदान करता है।
गुप्त साम्राज्य (लगभग 4र्बी – 7वीं सदी)
अयोध्या गुप्त साम्राज्य के दौरान अयोध्या को का कोसल प्रांत की राजधानी के रूप में मान्यता मिली। इस समय अयोध्या में कई मंदिरों का निर्माण हुआ।
मुगल काल (1520)
अयोध्या मुगल सम्राट बाबर के सेनापति अमीर बाकी ने 1528 में राम जन्म भूमि पर बने मंदिर को ध्वस्त कर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया। यह घटना अयोध्या के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।
1992 का विवाद
6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया, जिसके कलस्वरुप देश भर में धार्मिक तनाव बढ़ा। यह घटना अयोध्या के विवाद को एक नई दिशा में ले गई।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय (2019)
9 नवंबर 2019 को भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद पर ऐतिहासिक निर्णय सुनाया, जिसमें राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की अनुमति दी गई और मुस्लिम समुदाय को वैकल्पिक भूमि दी गई।
राम मंदिर का निर्माण (2020)
5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखि। घटना अयोध्या के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत थी।
रिज़ल्ट
अयोध्या के ये धार्मिक केंद्र न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह स्थल श्रद्धाओ को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं और यहां आने वाले भक्तों को विशेष सुकून मिलता है।
राम मंदिर निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ऐतिहासिक, सामाजिक और संस्कृति दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण घटना है। यह भारतीय समाज में गहरी आस्था और पहचान का प्रतीक बनेगा।
Note- श्री राम मंदिर की मुख्य विशेषताएं:

अयोध्या राम मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में स्थित है। मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़ है और इसका निर्माण क्षेत्र पर 57,400 वर्ग फुट है। मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा, और 161 फीट ऊंचा है मंदिर में तीन मंजिलें हैं प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फिट है।
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